सोमवार, 21 मई 2018

मेरा सौभाग्य

मेरा  सौभाग्य।


                 
गर कहीं पर्वत है,तो निश्चित मानिए आस-पास कहीं नदी भी होगी, बिना हृदय में गहरा दर्द स
जोये,कोई इतना ऊंचा उठ नहीं सकता...
                                                     -पंडित रामनारायण उपाध्याय जी
 


20/05/18 पद्मश्री पूज्य पंडित रामनारायण उपाध्याय जी "रामादादा" जन्म शताब्दी वर्ष समारोह एवं अष्टम लोक संस्कृति सम्मान समारोह के शुभ अवसर पर निमाड़ लोक संस्कृति न्यास खंडवा के अध्यक्ष, वरिष्ठ  साहित्यकार,मेरे  प्रेरणास्त्रोत परम आदरणीय श्री शिशिर उपाध्याय जी ने स्मृति फलक देकर  अपना आशीर्वाद प्रदान किया। हृदय से धन्यवाद, आप की प्रेरणा,आपका प्यार ,आपका आशीर्वाद सदैव प्राप्त होता रहे।
        आपका दिलीप मिश्रा मातपुर
मैं कोई लेखक नहीं हूँ,अच्छा वक़्ता भी नहीं हूँ,  लेकिन लिखता हूँ अपने दर्द को,बोलता हूँ अपने दर्द को...और लिखना सीख रहा हूँ ताकि  मैं अपनी तकदीर लिख सकूं...बोलना सीख रहा हूँ ताकि मैं अपने दर्द को बोल सकूँ शायद मेरे दर्द को निमाड़ से बेहतर कोई नहीं समझ सकता यही कारण रहा होगा तभी तो इस छोटे से व्यक्ति को आ.शिशिर भाई साहब ने इतने बड़े मंच पर  स्थान दिया,उन्होंने बड़ा सहस किया , विश्वास किया,मैं भविष्य तो नहीं जनता लेकिन इतना जरूर कहता हूँ की यदि आपका आशीर्वाद इसी प्रकार बना रहा तो आपका ये सिक्का एक दिन जरूर चमकेगा ।

आ. श्री शिशिर भाई साहब जी के साथ-साथ कर्यक्रम में - लोक संस्कृति पुरुष डॉक्टर श्री पूरण सहगल जी , लेखक श्री हेमंत उपाध्याय जी, कवि आ.श्री गोविन्दनारायण शर्मा जी, गीतकार आ.श्री दीपक पगारे जी,हास्य कवि आ.श्री शैलेन्द्र चोकड़े जी, कवि एवं म.प्र.लेखक संघ इकाई सनावद के अध्यक्ष श्री ज़ाकिर भाईसाहब जी, एवं अन्य बड़े साहित्य जगत के देवताओं और निमाड़ के लोगों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ । पुनः प्रणाम।
lekhaksandesh@gmail.com
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वरिष्ठ साहित्यकार परम आदरणीय पूज्य गुरुदेव श्री शिशिर उपाध्याय जी👇




20/05/2017 आ.रामादादा जी के कार्यक्रम में

ठेठ रीवा के पास के एक गाँव से एक  बेटा  शिक्षक बन कर आता है ,(दिलीप मिश्रा मातपुर) कालमुखी गाँव में , वह गाँव के एक पुराने घर के ऊपरी माले में किराए से दो कमरे लेता है , एक दिन वह जिज्ञासा वश नीचे आकर देखता है , तो वह पाता है , कुछ पुरानी तस्वीरें , वह विभोर हो जाता है , वो पूछता है , पास पडौस से क्या यह पद्मश्री पण्डित रामनारायण उपाध्याय का निवास है , ,,,?? वह चकित होता है ,, मुझसे मुलाकात भी होती है , काव्य धरा रीवा ,सतना  , चित्र कूट गोस्वामी जी की वह पुण्य स्थली है जहाँ की पवन भी पद्य में बात करती है , विगत वर्षों  से कालमुखी और मातपुर में पढ़ाने वाले शिक्षक ने पण्डित रामनारायण उपाध्याय पर उनकी जन्म शती पर जो गीत लिखा है वह आपके लिए प्रसाद स्वरूप भेज रहा हूँ।।
तुलसी जी की पंक्तियों को थोड़ा फेर कर प्रस्तुत कर रहा हूँ ..
राम तुम्हारा गाँव स्वयं एक काव्य है  ।
कोई कवि बन जाये , सहज सम्भाव्य है ।
शिशिर उपाध्याय 9926021858।।













 कालमुखी ।
निमाड़ी लोक साहित्य आकाश के सूरज ,पंडित रामनारायण उपाध्याय का जन्म शताब्दी समारोह का समापन 20 मई 2018रविवार को शाम पंडित राम नारायण जी की जन्मस्थली कालमुखी में कई सम्मानित विभूतियों के अभिनंदन के साथ संपन्न हुआ, इस मौके पर स्थानीय लोक -सर्जकों का भी सम्मान किया गया इसके पश्चात साहित्यिक हस्तियों ने अपनी रचनाओं से कार्यक्रम में पूर्णाहुति दी ।
पंडित रामनारायण उपाध्याय के १००वें जन्मदिवस पर निमाड़ लोक संस्कृति न्यास खंडवा के तत्वाधान में आयोजित साहित्यिक महाकुंभ का न्यास द्वारा ,गणगौर ,संत सिंगाजी सम्मान _वर्ष 2016 -2018 का सम्मान 6 साहित्यिक हस्तियों को दिया गया शुभारंभ निमाड़ के प्रसिद्ध संत सिंगाजी की ज्योत मंच पर प्रज्वलित कर उपस्थित विद्वान जनों द्वारा किया गया इसके बाद न्यास की सदस्य डॉक्टर सुमन चौरे ने रामा दादा के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला। न्यास के अध्यक्ष शिशिर उपाध्याय एवं कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम के अध्यक्ष लोक संस्कृतिविद् एवं साहित्यकार डॉक्टर पूरणमल सहगल मनासा, मुख्य अतिथि के तौर पर कुलानुशासक- विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन केडॉक्टर शैलेंद्र शर्मा, विशेष अतिथि सुरेश कुशवाहा" तन्मय "निमाड़ी एवं हिंदी कवि एवं लघुकथाकार जबलपुर व जिला पंचायत सीईओ डा वरदमूर्ति मिश्र,सहित ६ विशेष एवं साहित्य से जुड़ी कई अन्य हस्तियौ का शाल ,श्रीफल ,एवं सिर पर पगड़ी पहनाकर स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।ं इसके बाद स्थानीय सामाजिक संस्थाओं से जुड़े 16 पदाधिकारी का भी सम्मान किया गया । रामा दादा पर केंद्रित पुस्तिका का लोकार्पण साहित्यकारों के हाथौ संपन्न हुआ, कार्यक्रम का शानदार संचालन गोविंद नारायण शर्मा द्वारा एवं काव्य पाठ का आरंभ रीवा निवासी कवि एवं मातपुर के प्रधान पाठक दिलीप मिश्रा की रचना" निमाड़ की धरती तुझे नमन करता हूँ, कालमुखी के कलममुखी को शत्-शत् वंदन है से हुआ.....

















 लोकसंस्कृति पुरुष एवं बालकवि बैरागी जी के परम प्रिय मित्र प्रसिद्द साहित्यकार डॉ.श्री पुरण सहगल जी के साथ👇
 कालमुखी के आशु कवि श्री गंगाराम जी के साथ👇



लोकसर्जक सम्मान से सम्मानित ग्राम कालमुखी के अशु कवि परमसम्मानीय आ.श्री गंगाराम टेलर जी से मिलने पहुंचे  श्री प्रवीण सर,श्री महेंद्र सर एवं आपका दिलीप मिश्रा मातपुर 25/05/18





विधायक जी से मिलकर बच्चों को हुई बेहद ख़ुशी

🇮🇳।।विधायक जी से मिलकर छात्र/   छात्राओं को हुई बेहद ख़ुशी ।।🇮🇳 आज दिनांक 20/02/2018 को शासकीय माध्यमिक शाला मातपुर में खंडवा विधानसभ...

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