सूर्य नमस्कार 12/01/2020🌞🌻🌻🌻🌺🌺🌺
PTA बैठक 🌺🌺🌺11/01/2020
ओजस गतिविधि 11/01/2020... कंप्यूटर ज्ञान 🖥⌨💻🖱🎈
🥇विदाई समारोह 31/12/2019 की यादें 🥇
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*नूतन वर्ष 2020 अभिनंदन*
🙏🙏ईश्वर आप को प्रातः काल की प्रथम किरण से प्रारंभ होने वाले नूतन वर्ष 2020 में
सुख , शान्ति, शक्ति, सम्पत्ति, स्वरुप, संयम, सादगी, सफलता, समृध्दि, साधना, संस्कार, और स्वास्थ्य प्रदान करें ।
नये साल की अनेक शुभकामनाओं के साथ आप और आपके परिवार को मॉडल स्कूल गुड़ी की तरफ से नये वर्ष 2020 की हार्दिक शुभ कामनाएं।🌹💐🌹 🙏
प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी दिनांक 31/12/2019 को
शासकीय मॉडल उच्च.माध्य. स्कूल गुड़ी में कक्षा 9वीं,10वीं एवं 11वीं के बच्चों द्वारा कक्षा 12 वीं के बच्चों का विदाई समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया l कुछ यादें चित्रों के माध्यम से आपतक💐
संगीत के साथ प्रार्थना करते छात्र 👇🇮🇳
एक फ़ोटो हो जाए 12th के बच्चों के साथ👇🇮🇳
उपहार के साथ विदाई....
मेरे शेर 🇮🇳
थोड़ा नास्ता भी हो जाए 😃
मोमबत्ती तो नहीं है but फूंकना मना है क्या? 😃😃
फ़ोटो धुंधली ही सही लेकिन यादें ताजा करने के लिए काफी 🇮🇳
आ. श्री tayde सर जी , आ. श्री सुरेश सर जी की बात ही अलग है सेल्फी तो बनती है🙏🙏🙏
SMDC की बैठक 🇮🇳🙏
थोड़ा संगीत भी जरूरी है
मेरा ख्याल सबसे ज्यादा रखता है 🇮🇳 नाम है चिंटू
नाचलो भाई आज का दिन आपके इंजॉय के लिए 🕺🎼
आ. श्री दानल सर
बच्चियों का नृत्य 🇮🇳
Bhai जिंदगी ने बहुत थका दिया है चालो किसान के खेत वाले कुंये से पानी पीते हैं
PT
मेला और मज़ाक कम मस्ती 🇮🇳
ll समझ से परे है मेरी 2020 की नई कविताll
फिर भी समर्पित है आपको 🙏🙏🙏🙏
अब शाम रात हो गई है,
जो बात नहीं होनी थी,
वो बात हो गई है...
अरे भाई कैसे?
वो ऐसे की
जैसे-
सुबह जन्म की तरह प्रतीत होती है,
सुबह का सूरज भी कितना प्यारा होता है,
लेकिन धरती का अपनी धुरी पर घूमना,
और
क्रमशः सूरज का ताप् बढ़ना,
लेकिन ताप् एक सीमा तक ही बढ़ता है,
क्योंकि उसे मालूम है कि
उसे घटना भी है,
और दिन भर के चक्कर के बाद,
आखिर सूरज का ताप कम हो ही जाता है,
लोग कहते हैं सूरज डूब गया,
शाम हो गई, रात हो गई,
जो रोज होती है, वही बात हो गई...
लेकिन सच कहूँ सूरज कभी नहीं डूबता,
वो तो धरती है जिसके चक्कर में
सूरज डूबता हुआ प्रतीत होता है,
लेकिन याद रखिये,प्रतीत होने से वास्तविकता साबित नहीं होती,
साबित करना पड़ता है,
हाँ यह कह सकते हैं की रात् भी मृत्यु की तरह प्रतीत होती है,
रात का अँधेरा भी कितना भयानक होता है...
लेकिन धरती का अपनी धुरी पर घूमना,
और
क्रमशः रात का अँधेरा अधिक लगने लगता है,
लेकिन अँधेरा एक सीमा तक ही बढ़ता है..
क्योंकि उसे मालूम है कि
उसे घटना भी है,
और रात भर के चक्कर के बाद,
आखिर रात का अँधेरा कम हो ही जाता है,
लोग कहते हैं सूरज उग् आया,
सुबह हो गई, जो रोज होती है वही बात हो गई...
लेकिन सच कहूँ सूरज कभी नहीं उगता,
वो तो धरती के चक्कर में,
सूरज उगता हुआ प्रतीत होता है,
लेकिन याद रखिये प्रतीत होने से वास्तविकता साबित नहीं होती,
साबित करना पड़ता है...
हाँ यह जरूर कह सकते हैं कि सुबह,सूरज,ताप,शाम,रात,अँधेरायही जीवन के साथ होता है
शायद यही जीवन की वस्तविकता है...
खैर
चलो जो भी हो
भविष्य की वास्तविकता तुम पर छोड़ता हूँ...
अब घर चलना चाहिए....
क्योंकि अब शाम रात् हो गई
जो बात नहीं होनी थी वो बात हो गई..
द्वारा- दिलीप मिश्रा मातपुर
lekhaksandesh@gmail.com
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