शनिवार, 5 सितंबर 2020

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं







शिक्षक दिवस के अवसर पर
  मैं कविता तुम्हें सुनाता हूँ,

 

तुम हाँथ पकड़ कर चलते हो
कहते हो खुद मैं चलता हूँ,
तुम खुद ही खुद को छलते हो
कहते औरों को छलता हूँ,

 

यदि बात मेरी मानो कहदूँ
इस दुनियांदारी को छोड़ो,
सत प्रेम सभी को प्यारा है
सत प्रेम से नाता तुम जोड़ो,

 

ये जोड़ ना टूटे तुमको ऐसी
प्रीति आज सिखलाता हूँ,
शिक्षक दिवस के अवसर पर
 मैं कविता तुम्हें सुनाता हूँ।

 

जिस राह चला चलता ही गया
चलना ही जीवन मंथन है,
कुछ फूल मिले काँटे भी मिले
करता मेरा उर वंदन है,

 

मेरे जीने मरने का मतलब
केवल एक परिवर्तन है,
कोई पत्थर,कोई पानी
कोई माथे का चंदन है,
 

 

यह रूप बदलता रूह नहीं
कभी हंसता हूँ -कभी रोता हूँ,
शिक्षक दिवस के अवसर पर
 मैं कविता तुम्हें सुनाता हूँ।

 

कुछ लोग यहां कहते रहते
तुम पागल जैसे दिखते हो,
है समझ नहीं कविता की फिर भी
कविताएं तुम लिखते हो,

 

अधिकार मेरा पढ़ना - लिखना
अधिकार से ही मैं लिखता हूँ,
कोई धन दौलत में बिकता है
मैं प्रेम बदौलत बिकता हूँ,

 

ये प्रेम का रस घर- घर पहुंचे
मैं प्रेम का रस बरसाता हूँ,
शिक्षक दिवस के अवसर पर
 मैं कविता तुम्हें सुनाता हूँ।

 

यदि देखें धरती घूम रही है
  घूम रहा है जग सारा,
कोई दुश्मन बन बैठा है
कोई बन बैठा उर प्यारा,

 

हारा ना कभी खुद से लेकिन
तृष्णा के झगड़े से हारा,
ये तृष्णा का सब ताम - झाम
तृष्णा ने ही हमको मारा,

 

अब तृष्णा से कृष्णा तक मन को
   कविता से पहुंचता हूँ,
शिक्षक दिवस के अवसर पर
 मैं कविता तुम्हें सुनाता हूँ।

 

द्वारा- दिलीप मिश्रा मातपुर
lekhaksandesh@gmail.com



















दीपक हूँ,जलता रहता हूँ
शायद उजाला कभी मेरे तले भी हो,
लेकिन यह मेरी केवल इच्छा है
और इच्छाएं ही आदमी को 
भला या बुरा बनाती हैं ,
इसलिए अब मुझे इच्छाओं से परे 
चलना चाहिए ,
और जबतक दिए में तेल है 
जलना चाहिए....
अवसर है शिक्षक बनने का
 खुद में सुधार करने का और 
आंगे बढ़ाने का,बढ़ने का,

चलो अब इच्छाओं से परे
कुछ करें और बेहतर करें💐💐💐

तूफानों से डरना क्या ?
बिन किये उजाला मरना क्या?
दीपक हूँ जलता रहता हूँ...

                                     द्वारा - दिलीप मिश्रा मातपुर

बबिता फोगाट ने ट्वीट किया था  कि " तुम्हारी ज़िन्दगी में होने वाली हर चीज़ के जिम्मेदार तुम हो , इस बात को जितना जल्दी मान लोगे ज़िन्दगी उतनी ही बेहतर हो जायेगी । " मैंने इस ट्वीट को पढ़कर रातभर सोचता रहा और अंत में मुझे स्वीकार करना पड़ा खुद से की ये ट्वीट सत्य है और इस ट्वीट से मुझे काफी सीख मिली खैर  बात हम आज की करते हैं -

वैसे तो प्रत्येक दिन अपने आप में महत्वपूर्ण होता है लेकिन इनमें भी कुछ दिन ऐसे होते हैं जो हमें खुद में सकारात्मक परिवर्तन हेतु अवसर देते हैं उन्हीं दिनों में से है आज का दिन अर्थात शिक्षक दिवस।

आज जब बच्चों ने बात की तो हृदय भर आया और परिवर्तन की नवलहर आई इस कोरोनाकाल में  हम सबने कई उतार- चढ़ाव देखे ,पापी मन पता नहीं कहाँ -कहाँ भटका और मैं  लड़खड़ाया लेकिन आज कई महीनों बाद ऐसा लगा की I have recovered and now I am a teacher…मुझसे कभी कोई भूल या गलती हुई हो तो खुले तौर पर अपने बच्चों एवं शिक्षक साथियों से क्षमा चाहता हूं , आप सब कामयाब हों ।आपसबका प्रेम सदैव बना रहे हृदय से धन्यवाद और एक बार पुनः अपने सभी शिक्षक साथियों को ,बच्चों को ढेर सारी शुभकामनाएं🙏🙏🙏💐💐💐🎯🚨✈️

अंततः इतना ही कहूंगा आज जो कुछ भी हूँ प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष रूप से अपने सम्मानित शिक्षकों के कारण हूँ मैं उनके चरणों को स्पर्श कर प्रणाम करता हूँ बस हार कभी मत मानो, चलते रहो...🙏

विधायक जी से मिलकर बच्चों को हुई बेहद ख़ुशी

🇮🇳।।विधायक जी से मिलकर छात्र/   छात्राओं को हुई बेहद ख़ुशी ।।🇮🇳 आज दिनांक 20/02/2018 को शासकीय माध्यमिक शाला मातपुर में खंडवा विधानसभ...

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