रे मन बहुत भटका,बहुत भटकाया,
अभी लौट, नहीं कल
Na कपट, Na छल
अध्यात्म की ओर चल....
💐द्वारा - मिश्रा💐
इरादा नेक हो,खुद पर यकीन हो, संकल्प हो और कठोर परिश्रम हो तो भले ही पूरी दुनियां को नहीं अपनी दुनियां को तो आदमी बदल ही सकता है।
ख़ुद की आलोचना खुद से, खुद की तुलना खुद से, खुद की प्रतियोगिता खुद से, ये challenge भी खुद को है...देर हो गई लेकिन अब नहीं होगी....जब जागो तभी सवेरा✈️