मंगलवार, 21 मार्च 2017

कक्षा ८ वीं के छात्र /छात्राओं का विदाई समारोह कार्यक्रम

 "मंजिल से ज्यादा रास्ते  का  महत्व है "

              बच्चों से कहता रहता हूँ -"मंजिल से ज्यादा रास्ते  का  महत्व है "   और विधि का विधान देखिये की हमारे मतपुर में स्कूल जाने का  रास्ता भी कुछ ऐसा  है  जो बताता है कि मंजिल ज्यादा दूर नहीं है .... ग्राम से जुड़ी  प्राथमिक शाला ... प्राथमिक शाला से कुछ ही दूरी पर माध्यमिक शाला और माध्यमिक शाला से कुछ ही दूरी पर हाई स्कूल है जहाँ संस्कारों की शिक्षा दी जाती है और यही संस्कार देखने को मिला हाई स्कूल मतपुर के छात्रों में  जो कभी माध्यमिक शाला के छात्र  थे ,जो कभी प्राथमिक शाला के छात्र  थे .. ये बच्चे रस्ते के महत्व को जानते हैं और यही कारण  है कि बच्चे हाई स्कूल में पहुँचने के बाद भी अपनी  मिडिल स्कूल अपने मिश्रा सर को नहीं भूले और १० वीं के छात्रों ने विदाई समारोह कार्यक्रम में सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया जहाँ अपनी  पुरानी यादों को ताज़ा करने का और मजबूती के साथ यह दोहराने  का अवसर मिला की -"मंजिल से ज्यादा रास्ते  का महत्व है " मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद तुम्हारे साथ है-रुकना नहीं है -चलते रहो -चलते रहो मंजिल जरूर और जरूर मिलेगी -तुम्हारा मिश्रा सर -चित्र में- 


विदाई का पल भावुक तो होता ही है लेकिन साथ ही कुछ  अपनी मधुर यादें भी छोड़ जाता है , कुछ ऐसा ही पल था शासकीय माध्यमिक शाला मतपुर  में कक्षा  ८ वीं के छात्र /छात्राओं के  विदाई समारोह  कार्यक्रम के अवसर पर , मुझे  विश्वास है कि  आने वाला समय हमारे छात्र /छत्राओं का स्वर्णिम समय होगा ,स्वर्णिम भविष्य होगा 

 ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ  तुम्हारा मिश्रा सर 



                                                     धरा से जुड़े लोग हैं, अनंत चाह है मेरी ... 
























प्रधान पाठक कक्ष  में बैठे हुए समाज सेवी श्री उत्तमचंद लड़ जी , शिक्षक श्री मुवेल सर , श्री सोलंकी सर -














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