।।अपनी बात।।
टीचर बेझिझक अपनी बात कह देता है वो अपने बच्चों को सिखाता भी है और सीखता भी है। वो अपने बच्चों को कभी गलती से चिल्ला भी दे तो आत्मा से आशीर्वाद देता है, जॉब से पहले एक अच्छा इंसान बनना जरूरी है और मेरे बच्चे बेहतर से भी बेहतर हैं उनके अनुशासन में कोई कमी नहीं फिर भी सोचता हूँ वो दिन कब आयेगा जब मेरे कुछ विद्यार्थी IAS, कुछ IPS, कुछ SDM, कुछ पत्रकार, कुछ वकील,कुछ प्रोफेसर, कुछ टीचर, कुछ वैज्ञानिक, कुछ Dr., कुछ इंजीनियर, कुछ आर्मी में ...जाएंगे और सबसे बेहतर करेंगे, बनेंगे एक सफल इंसान।
टीचर 24 घंटे में सबसे ज्यादा अगर कुछ सोचता है तो केवल अपने विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में।क्या मेरे बच्चे सोचते हैं खुद के भविष्य के बारे में?अगर सोचते हैं तो फिर बिना कमियां निकाले अपने बेहतर भविष्य के लिए तपस्या में जुट जाएं... मुझे यकीन है कक्षा रूपी छोटी - छोटी सीढ़ियां चढ़कर मेरे विद्यार्थी एक दिन अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे शुभरात्रि, शुभकामनाएँ 🚨✈️📚अंततः ......वार्षिक परीक्षा का समय नजदीक है इसलिए व्यवस्थित योजना बनाकर पढ़ाई करें....बहुत उम्मीद के साथ पुनः शुभकामनाएं📚👍
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