मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

कालमुखी,खंडवा (म.प्र.) से राष्ट्रपति भवन तक


                                                       
                                            परम आदरणीय श्री शिशिर उपाध्याय जी की कलम से👇
निमाड़ लोक -संस्कृति न्यास के संस्थापक अध्यक्ष , निमाड़ के लोक संस्कृति पुरुष पद्मश्री पण्डित रामनारायण उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह की पूर्णाहुति 20 मई 2018 को उनके ग्रह ग्राम कालमुखी जिला खण्डवा में होगी ।
न्यास के सचिव हेमन्त उपाध्याय ने बताया कि अष्टम लोक संस्कृति  सम्मान समारोह में 2016 से 2018 तक के गणगौर सम्मान एवं सिंगाजी सम्मान । वर्ष 2016 का गणगौर सम्मान निमाड़ी लोक वार्ताओं पर शोध करने वाली डॉ श्रीमती मीना साकल्ले ( इंदौर) को , 2017 का सम्मान निमाड़ी लोक कवि श्री महेश साकल्ले ( साटकुर- काटकुर) एवम 2018 का सम्मान लोक कवि गीतकार दीपक पगारे सनावद को प्रदान किया जाएगा ।इसी प्रकार 2016 का सिंगाजी सम्मान खण्डवा के वरिष्ठ समाज सेवी एवं नट निमाड़ संस्था के जनक श्री शरद जैन एवम हिन्दू बाल सेवा सदन की अध्यक्ष श्रीमती वीणा जैन को संयुक्त रूप से दिया जाएगा।  वर्ष 2017 का सिंगाजी सम्मान नैनो टेक्नोलॉजी में लिम्का बुक और गोल्डन बुक में रिकॉर्ड दर्ज करवाने वाले कवि श्री अशोक गर्ग 'असर" खरगोन को एवम वर्ष 2018 का सिंगाजी सम्मान हिंदी साहित्य के वरिष्ठ कवि ,व्यंग्यकार एवं गीतकार इंदौर को सम्मान
प्रदान किये जाएगा ।।
इस प्रसंग पर गाँव की उन महिलाओं और पुरुषों को भी सम्मानित किया जाएगा जो निमाड़ी लोक संस्कृति के उत्थान में निरन्तर सक्रीय हैं ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक साहित्य के अध्येता डॉ पूरण सहगल मनासा करेंगे , मुख्य अतिथि पद का निर्वाह हिन्दी साहित्य के विद्वान , लोक संस्कृति विज्ञ डॉ प्रोफेसर शैलेन्द्र शर्मा कुलानुशासक ,  विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवम मुख्य पद का दायित्व श्री सुरेश कुशवाह तन्मय जबलपुर करेंगे ।
      जिस घर , गली , ग्राम से ""रामा दादा ""ने राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा की वही पर यह भावभीना आयोजन रविवार 20 मई को साँयकाल 6,30 बजे से आरम्भ होगा।।


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 लोक साहित्य एवं संस्कृति के दिग्पाल : (निमाड़ के गांधी जी )पद्मश्री पं. रामनारायण उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष (20 मई 2017-20 मई 2018 )के अवसर पर  20 मई 2018 को अष्टम लोक संस्कृति सम्मान समारोह  ग्राम - कालमुखी (खंडवा) में आयोजित किया जा रहा है|  👇 🙏🙏
आदरणीय रामा दादा जी( निमाड़ के गांधी जी) का ये वीडियो जरूर देखें

                                         
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चित्र- निमाड़ के प्रसिद्ध साहित्यकार परम आदरणीय श्री शिशिर उपाध्याय जी👇




 
_पिकासो (Picasso) स्पेन में जन्मे एक अति प्रसिद्ध चित्रकार थे। उनकी पेंटिंग्स दुनिया भर में करोड़ों और अरबों रुपयों में बिका करती थीं...!!_

_एक दिन रास्ते से गुजरते समय एक महिला की नजर पिकासो पर पड़ी और संयोग से उस महिला ने उन्हें पहचान लिया। वह दौड़ी हुई उनके पास आयी और बोली, 'सर, मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूँ। आपकी पेंटिंग्स मुझे बहुत ज्यादा पसंद हैं। क्या आप मेरे लिए भी एक पेंटिंग बनायेंगे...!!?'_

_पिकासो हँसते हुए बोले, 'मैं यहाँ खाली हाथ हूँ। मेरे पास कुछ भी नहीं है। मैं फिर कभी आपके लिए एक पेंटिंग बना दूंगा..!!'_

_लेकिन उस महिला ने भी जिद पकड़ ली, 'मुझे अभी एक पेंटिंग बना दीजिये, बाद में पता नहीं मैं आपसे मिल पाऊँगी या नहीं।'_

_पिकासो ने जेब से एक छोटा सा कागज निकाला और अपने पेन से उसपर कुछ बनाने लगे। करीब 10 मिनट के अंदर पिकासो ने पेंटिंग बनायीं और कहा, 'यह लो, यह मिलियन डॉलर की पेंटिंग है।'_

_महिला को बड़ा अजीब लगा कि पिकासो ने बस 10 मिनट में जल्दी से एक काम चलाऊ पेंटिंग बना दी है और बोल रहे हैं कि मिलियन डॉलर की पेंटिग है। उसने वह पेंटिंग ली और बिना कुछ बोले अपने घर आ गयी..!!_

_उसे लगा पिकासो उसको पागल बना रहा है। वह बाजार गयी और उस पेंटिंग की कीमत पता की। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह पेंटिंग वास्तव में मिलियन डॉलर की थी...!!_

_वह भागी-भागी एक बार फिर पिकासो के पास आयी और बोली, 'सर आपने बिलकुल सही कहा था। यह तो मिलियन डॉलर की ही पेंटिंग है।'_

_पिकासो ने हँसते हुए कहा,'मैंने तो आपसे पहले ही कहा था।'_

_वह महिला बोली, 'सर, आप मुझे अपनी स्टूडेंट बना लीजिये और मुझे भी पेंटिंग बनानी सिखा दीजिये। जैसे आपने 10 मिनट में मिलियन डॉलर की पेंटिंग बना दी, वैसे ही मैं भी 10 मिनट में न सही, 10 घंटे में ही अच्छी पेंटिंग बना सकूँ, मुझे ऐसा बना दीजिये।'_

_पिकासो ने हँसते हुए कहा, _'यह पेंटिंग, जो मैंने 10 मिनट में बनायी है_ ...

_इसे सीखने में मुझे 30 साल का समय लगा है_। _मैंने अपने जीवन के 30 साल सीखने में दिए हैं ..!! तुम भी दो, सीख जाओगी..!!_

_वह महिला अवाक् और निःशब्द होकर पिकासो को देखती रह गयी...!!_

_एक  अध्यापक को 40 मिनट के लेक्चर की जो तनख्वाह दी जाती है ।_

_वो इस कहानी को बयां करती है।एक अघ्यापक के एक वाक्य के पीछे उसकी सालों की मेहनत होती है ।_

_समाज समझता है कि बस बोलना ही तो होता है अध्यापक को मुफ्त की नौकरी है!!!_

*Dedicated to all teachers*




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